ये सावन तनी कम बरस, मोरा काम ना बा ढेर पानी के।
टप -टप चूये टाट पूराना, जर- जर हाल बा छानी के।
ये सावन तनी कम बरस -------
दर्द बुझेल ना तू तनिकों,हाल तोहार निस्तानी के।
सुनगे आग ना सब मेहराइल,का कहीं हाल चूहानी के।
ये सावन तनी कम बरस -------
ना कजरी के धुन सुहाला,ना चाल तीया बलखानी के।
विनती एक ना सुन तू सावन,हाल तोहार अभिमानी के।
ये सावन तनी कम बरस --------
जा अजमाव जोर महल पर,छोड़ मड़ई के वोरियानी के।
ढाही के छोड़ब का मड़ई के,का अइल मन में ठानी के।
ये सावन तनी कम बरस -------