तुने गम हे दिया
तुने दर्द हे दिया
फिर भी चाहत ने
'तेरि ये जख्म सिया
जल रहा आसमा
सुख रही हे जमी
तेरे बिन अब जिना
नही लाजमी.....
कैसे केह दु ,तुजको ए सनम
बिन तेरे मुश्किल हे सफर
मुझे लगणे लगा हे अब तो डर
सुनो मेरी जानम ओ सनम
कैसे ये हूवा
तुने धोखा दिया
दिल तोड दिया
फिर जख्म सिया
फिर दर्द हे दिया
तुने ऐसा ही ताडपया हे मुझे(२)
तुने क्यू ये किया मुजपे सितम
मेरे रहनुमा मेरे सनम....