व्यर्थ जाए ना समय के एको छन,ये मन खाली राम राम भज।
एक दिन छूटी जइहे सुनर ई तन,ये मन खाली राम राम भज।
ये मन खाली राम ------
जाए के बा सबका जे आइल धरा पर, जमीन के चीउटी, बैठल पंछी पिपरा पर।
जाए के बा सबका चाहें चीउटी चाहें गज।
ये मन खाली राम -------
पल तार काहे दोसरा के टुकड़ा पर,छोड़ छोड़ रामजी के दोसरा के असरा पर।
प्रेम कर रामजी से,दुनिया के तज।
ये मन खाली राम -------
भईल अभिमान बाटे काहे तहरा तन पर,एक दिन धराई आगी येही सुनर तन पर।
हव एगो जीव तुहूं, हव नाही अज।
ये मन खाली राम --------