झुठी हे दुनिया ये झुठा समा
मेरे शंकर का मुझको मिला आसरा
राते कटती नही दिन निखरते नही
मेरे बाबा के दर पे जब हम जाते नही
मेरी सांसो मे हे मेरी धडकन मे हे
मेरे शंकर बाबा मेरे पास ही तो हे।
मेरे मालिक की अब क्या कहू बात ये
मेरे मालिक के हाथो मे ये संसार हे ....