इस दुनिया से था मे नकार हूवा
तेरे रेहमत से मेरा सवेरा हूवा
धनकवडी मे था जब मेरा खुदा
ना जाणे मे था किसको धुंद रहा
मेरे शंकर बाबा ने क्या कर दिया ये असर
शंकर शंकर ही गाता हू अब हर पेहर
मेरे बाबा के .... ओ मेरे शंकर के
ओ मेरे बाबा के चरणो मे आया नजर
मेरा सारा सफर ओ मेरा सारा सफर
दुनिया थी ये जालीम मेरी क्या खबर
उड गये होश मेरे हूवा क्या असर
मेरे बाबा ने .... ओ मेरे मालिक ने
ओ मेरे मालिक ने मुझको सांभाळा था तब
सारी दुनिया ने मुझको गिराया था जब
धनकवडी मे हे बाबा समाधी लिये
समाधी से ही राह दिखाते हुये
क्या कहू मेरे मालिक ये जो बात हे
तेरे चरणो मे मरणा मुझे आज हे
ओ मेरे शंकर की ओ मेरे भोले की
ओ मेरे शंकर की , चरणो मे मेरा जीवन
बिट जाये उमर मेरी सारी उमर।।।