"मेरे हाल पर मुझको रहने दो"
मैं जैसा हूं खुशहाल हूं
मेरे हाल पर मुझको रहने दो
यह दुख तकलीफें मेरी हैं
मुझको ही इनको सहने दो
कब तक तुम साथ निभाओगे
मेरे दिल को यूं ही बहलाओगे
ऐसा एक वक्त भी आएगा
जब तुम भी नजर न आओगे
इससे अच्छा मैं मैं में जिऊं
हाले दिल अपना किसी से न कहूं
चहरे पर रखूं मुस्कान सदा
जब भी कभी मैं किसी से मिलूं
न कोई मुझको जान सके
न ही गम को पहचान सके
इसलिए सभी से कहता हूं
मैं जैसा हूं खुशहाल हूं
मेरे हाल पर मुझको रहने दो...
_श्रवण चौधरी