आज,
फिर-
कोई,लड़की!
बांध दी गयी,
सरकारी-
नौकरी,
जमीन-
जायदाद,
ऊंचे-
बिजनेस के साथ,
पूरे-
धूमधाम से,
सजे-
मंडप में,
रिश्तेदारों,
नातों-
मेहमानों,
तथा-
मित्रों की,
उपस्थिति में।
उसे-
नहीं ब्याहा गया,
उसके-
प्रेमी से।
© ओंकार नाथ त्रिपाठी अशोक नगर बशारतपुर गोरखपुर उप्र।