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तेरी उड़ान
O.N. Tripathi
13th Mar, 2023
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आकाश में,
उड़ने वाली,
हे पतंग!
मत भूलो-
जब तक-
मैं साथ हूं,
तेरी उड़ान,
तभी तक है,
मेरा साथ छूटा-
तेरी उड़ान रुकी।
मैं वह धागा हूं-
जो तुम्हें संभाले हूं।
-© ओंकार नाथ त्रिपाठी अशोक नगर बशारतपुर गोरखपुर उप्र।
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O.N. Tripathi
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