मेरा संकल्प करो प्रभु पुरा, बनू तेरे चरणों का सेवक,मैं कामी,मन का मगरूरा।
मेरा संकल्प करो ------
मैं गो दास,घोर निन्दनीय, कुछ मेरे बस की बात नहीं।
खोलो नयन पटल प्रभु अब तो,कटती भव की रात नही।
संच कहता किसी काम का मैं नहीं,मैं बेकार हूं घूरा।
मेरा संकल्प करो ------
हे नाथ हमारे हार रहा हूं मन चंचल के आगे,दिन रात वायप्ता भय एक ही, टूट न जाए,तेरे मेरे बीच के धागे।
अवलोक सकू ना राम तुझे मैं,दो नयन है फिर भी सूरा।
मेरा संकल्प करो -------