इस बार न घाव दिया न मन को चोट पहुंचाई
इस बार तो हस्ते हुए इंसान को अंदर से मार दिया
मेरे मरे मन के जनाजे पर आपका तो काम था
सुपुर्दे ए खाक करने का इंतजाम तो आपको तो करना था
मुबारक हो आपको इसकी सजा मुकर्रर की है मैंने
उम्र ए खुशी आपको खुदा बक्शे
रहमते ए दुआ आपको मिले