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ज़िंदगी के सफर में
Prince kumar Jha
25th Jan, 2023
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रास्ते कंहा खत्म होते है
ज़िंदगी के सफर में!
मंज़िल तो वही है
जंहा ख्वाहिशें थम जाए!
वरना जी कंहा भरता है
कुछ पाकर !
कुछ और पाने की चाहत
बढ़ हीं जाता है थोड़ा कुछ पाकर!
एक रास्ते के बाद दूसरा रास्ता मिल हीं जाता है
राह भटकाने को अगले मोर पर!
ज़िंदगी के इस सफर में
रास्ते कंहा खत्म होती है किसी मोड़ पर!
एक के बाद दूजा
आ ही जाता है दूसरे छोड़ पर!
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Prince kumar Jha
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