प्रसन्नता का राज -मनुष्य जब इस संसार में जन्म लेता है तो वह अपने साथ बहुत से दुख और सुख अपने साथ में ही लेकर आता है लेकिन आज जो लोगों की प्रसन्नता है उस प्रसन्नता को हम कैसे बरकरार रखें लोग अपने जीवन में दुखी तो हमेशा रहते हैं परंतु, अगर जिंदगी का वास्तविकता में कोई अर्थ समझा जाए वह प्रसन्नता प्रसन्नता के साथ-साथ आपके चेहरे में वह प्रसन्नता जो आपके हृदय तक को छू ले उस प्रसन्नता को आप किस प्रकार प्राप्त करेंगे।
प्रसन्नता किसी धन दौलत की मोहताज नहीं है वह तो सिर्फ आपके एहसास, आपके विचार ,आपके मनोभाव और आपकी वास्तविकता से उत्पन्न होते हैं।
जिंदगी में प्रसन्नता हम कैसे लाएं, हमें अगर किसी को किसी के चेहरे पर मुस्कान लानी है उसके चेहरे पर प्रसन्नता लाने हैं अगर आपकी वजह से किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट आती है तो आप इस संसार के सबसे अमीर इंसान और सबसे ज्यादा दान पुण्य करने वाले मनुष्य में सर्वश्रेष्ठ माने जाते हैं।
अगर आप किसी और वस्तु को दान करते हैं वह तो नश्वर है उसका तो विनाश होना है परंतु जो आप लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हैं मुस्कान लाते हैं वह तो आपके जीवन की एक सर्वोपरि और आपके अंदर एक दिव्य गुण है जो स्वयं परमपिता परमेश्वर ने आपके अंदर बैठाया है।
मनुष्य अब हर क्षण हर पल एक नई कष्ट और दुख का सामना करता है उसका जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि मनुष्य स्वयं क्योंकि मनुष्य लोभ, लालच ,क्रोध ,अहंकार से परिपूर्ण हो गया है कि वह अपने सुख की जगह दूसरों के सफलता से द्वेष ,ईर्ष्या रखता है, यही मनुष्य का सबसे बड़ा उसके जीवन में कष्ट है।
अगर आपको अपने जीवन में खुश रहना है प्रसन्न रहना है आप सामर्थ्य अनुसार लोगों की मदद करें अपनी वाणी से लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट मुस्कान लाएं तो आप सबसे बड़े दानवीर और सबसे सुखी इंसान हो जाएंगे।
"कि लोग अमीर जमीन से नहीं जमीर से होता है, इबादत जमीन की नहीं जमीन की होती है, किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट ला कर तो देख झोली खाली नहीं हमेशा भरी ही होती हैं"