ना जाने आज कल हर बात पे हसने का बहाणा आए
काश फिर से मेरा मासूम बचपण लौट आए.....
काश पापा की सायकल वाली सवारी फिर से मिल जाए
काश फिर से मेरा मासूम बचपण लौट आए....
पापा की गोदी और कंधो वाली बात फिर से हो जाए
काश फिर से मेरा मासूम बचपण लौट आए.....
कोण अपना कोण पराया ना समझने वाले वो दिन मिल जाए
काश फिर से मेरा मासूम बचपण लौट आए.....
शब्दवेडी पिहू