निज वेदना का….. हर दर्द ,
हंसकर सहन किया… हमने ,
होंठों पर लिए…… मुस्कान ,
सहज बसर……. किया हमने |
वक्त …. रचता रहा साजिशें ,
बिना रुके…… मेरे खिलाफ ,
करता रहा….. वार पर वार ,
देकर दिल पर… . नासूर घाव,
कर अनदेखा…… घायल दिल को ,
हमने ना…….. डाले हथियार ,
पहन….. स्वाभिमान का हार ,
किया हर वार का…. सम्मान |
नहीं वक्त से….. कोई शिकायत ,
ना वक्त से ….कोई अदावट ,
शायद रब का हो……फरमान ,
तभी आजमाया …..हमें हर बार |
आखिर वक्त ने… बदली तस्वीर ,
बनके हमनवा…. बदली तकदीर ,
देकर खुशियों के… . रंग हजार ,
जीवन बगिया… . कर दी गुलज़ार |
करते रब से….. यही इबादत ,
हम पर रखना….. सदा इनायत ,
रहे वरदहस्त….. तेरा हम पर ,
जब तक जग से….. ना हों रुखसत |
🙏🙏