कुछ न करते हुए हम
खाली खाली से रहते हैं हम
कुछ करना चाहते हैं हम
फ़िर भी अक्सर खाली ही होते हैं हम
वक्त ही अजीब सा चल रहा है
पर हर वक्त खालीपन रहता है
भीड़भाड़ हो या अकेले हम
बस हर जगह हर वक्त खाली ही होते हैं हम
शिकायत नहीं है हमें खालीपन से
न जाने क्यों फिर हर वक्त हर कोई बांटना चाहता है ये खालीपन।।
लेखक/कवि/शायर - क.दि.रेगे