आईने भी मोहब्बत का,इज़हार करते हैं,
तुम मुस्कुराके देख लो,वो मुस्कुरा करते हैं।
कुछ गम छिपा लिए,हमने एक आंसू छिपा लिया,
दर्द सारे सिने में भर के,वो मुस्कुरा करते हैं।
मेरी गहराई को,मैं बयां करू कैसे ?
बात दिल की जो करू तो,वो मुस्कुरा करते हैं।
वो जानता है सारी, गुस्ताखियां हमारी,
मुंह फेरके फिर भी, वो मुस्कुरा करते हैं।
कुछ ख़्वाब मेरे दिल मैं है,उन्हें समझाऊं कैसे?
देख के मेरी हालत को,वो मुस्कुरा करते हैं।
– वीर।